कुछ अपनी
Tuesday, September 14, 2010
दीपक सा जलो तुम
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अजय श्रीवास्तव
का फोटो और अपनी कविता---
सूरज अस्त हो चला है
झील की गोद में उतरा सूरज
निकल पड़ा है कही ओर फैलाने उजास
दिनकर कल फिर आएगा और
रोशनी से भर देगा दिन...
सूरज के आने तक
अंधेरे से लड़ो तुम
रोशनी के उगने तक
दीपक सा जलो तुम।
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